कभी तो पूछो हाल हमारा,
कभी तो हंस कर बातें कर लो!
माना हम,नहीं प्यार के काबिल
रंगीं इक सौगात तो कर लो!
कभी तो पूछो हाल हमारा......
खातें रहें हैं, कसमे तुम्हारी
दिन हो खाली,या रातें भारी
तिरछी चितवन,हम पर डालो
दे दो इक रुमाल ही प्यारा
कभी तो पूछो हाल हमारा.........
आओ भींगें, रिमझिम बूंदों मे
मन,तन औ जीवन हर्षाएं
एक-दूजे के साथी होकर
बुनें एक प्यारा,जाल सितारा
कभी तो पूछो हाल हमारा........
लहराते गेसू तुम्हारे,
तुम जो आये पास हमारे
गुंजित कर,मन-उपवन को,
महकाया संसार ये सारा
कभी तो पूछो हाल हमारा..........!
1 comment:
बहुत प्रेम मयी रचना ...
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