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Friday, September 3, 2010

ख़त तेरा मिला है !

ख़त तेरा मिला है !
नेह के जो फूल, बरसाए  हैं तूने
एक नया सपना सजा लिया है 
अब न हमें कोई गिला है
ख़त तेरा मिला है !
आस तेरी ही यहाँ थी मुद्दतों से,
निराशाओं के बादल छंट गए हैं 
अब नए अरमानों का सिलसिला है 
ख़त तेरा मिला है!
तेरे वादों की नई लिस्टें आईं हैं 
आज वर्षों बाद फिर सजदा किया है 
मन मे उमंगों का सागर हिला है 
ख़त तेरा मिला है !

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