परिवर्तन -स्विमिंग पूल में !
वो कहते हैं -
हम परिवर्तन लायेंगे !
समाज को देंगे नयी दिशा !
कराहती मानवता को
खुशिओं का सागर देंगे .
"हम छीन लेंगे गरीबों की गरीबी
सोने की चिड़िया और
धरती को स्वर्ग बनायेंगे ."
हम इसे हकीकत में
परिवर्तित होता देखने की खातिर ,
सपनो के संसार में
विलुप्त होते चले जातें हैं
और गरीबी उनकी दूर हो जाती है
सोने की चिड़िया
उनके ही चाँदी के पिंजरों में
क़ैद हो जाती है .
परिवर्तन होता है
और ---
खुशिओं का सागर उनके
स्विमिंग पूल में बहता है !
4 comments:
कराहती मानवता को
खुशिओं का सागर देंगे .
"हम छीन लेंगे गरीबों की गरीबी
सोने की चिड़िया और
धरती को स्वर्ग बनायेंगे
बहुत सुंदर ... प्रासंगिक पंक्तियाँ..... बस ये वादे वादे ही रह जाते हैं....
बहुत सुन्दर, बेहतरीन!
aaplogon ka aabhar..!
खुशिओं का सागर
उनके स्विमिंग पूल में बहता है !
बहुत गहरा कटाक्ष लिए हुए
यथार्थपूर्ण रचना है
सार्थक लेखन
हार्दिक बधाई
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