प्रेम-दिवस पर
प्रेम की अनुभूति का यह दिवस
सालहा - साल झंकृत करता मन.
तुम्हारे प्यार का वह स्वर्णिम सन्देश
आलोड़ित करता है,हृदय -तरंग.
सीमाओं का ध्यान नहीं ,
बस अनुभूति प्रभावी है
जीवन मे आये बार-बार
यह आकांक्षा हमारी है .
तुम आये तो यह भान हुआ
जीवन का अर्थ निराला है ,
मधुमास -हृदय मे बना रहे
प्रेमी मन तो मधुशाला है .
4 comments:
सुन्दर अभिव्यक्ति!
Thank You.
सुन्दर प्रस्तुति..
प्रेम की सार्थक अभिव्यक्ति.....
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