कुछ नया पाने की आस में
चलो छूट रहा अब साथ पुराना
नया दिन, नयी रात , नए लोग,जग हो सुहाना
कुछ रीझेंगे, कुछ रिझाएंगे
कुछ सीखेंगे, कुछ सिखायेंगे
नए नभ के नव क्षितिज पर
आशाओं के नव दीप जलाएंगे .
सुखकर थे वो बीते पल-छिन
मधुमय होंगे आने वाले दिन
भूलेंगे कटु याद, कडवे घूँट
नव अमृत-कलश बरसाएंगे
कुछ विरह के दिन बिताएंगे
कुछ यादें नयी बनायेंगे ............!
चलो छूट रहा अब साथ पुराना
नया दिन, नयी रात , नए लोग,जग हो सुहाना
कुछ रीझेंगे, कुछ रिझाएंगे
कुछ सीखेंगे, कुछ सिखायेंगे
नए नभ के नव क्षितिज पर
आशाओं के नव दीप जलाएंगे .
सुखकर थे वो बीते पल-छिन
मधुमय होंगे आने वाले दिन
भूलेंगे कटु याद, कडवे घूँट
नव अमृत-कलश बरसाएंगे
कुछ विरह के दिन बिताएंगे
कुछ यादें नयी बनायेंगे ............!
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