कुछ इल्म हुआ यूँ मुहब्बत के बाद, दामन मे दिल के, एक गाँठ लगी!
स्नेह तुम्हारा,जीवन अमृतस्वर्गिक,सुखकर,झंकृत-झंकृतbahut sundar rachna ..
रूप जी,अद्भुतअनुभूति!!
बहुत अच्छी रचनाhttp://shikanjee.blogspot.com/
Post a Comment
3 comments:
स्नेह तुम्हारा,जीवन अमृत
स्वर्गिक,सुखकर,झंकृत-झंकृत
bahut sundar rachna .
.
रूप जी,
अद्भुतअनुभूति!!
बहुत अच्छी रचना
http://shikanjee.blogspot.com/
Post a Comment