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Sunday, December 11, 2011

ख्वाहिश !

कोई रोज़ आता है , सपनो में मेरे
चुपके से कानो में कह जाता है ,
ढेर सी बातें
बातें , जो बेमानी नहीं होतीं
बातें , जिनका सरोकार होता है ,
जीवन की तल्खियों से , खुशिओं से
रुसवाइयों से ,शहनाइयों से
बातें ,जो कह जातीं हैं,
चुपके से कानो में
कल आएगा , एक दिन ऐसा
पूरे होंगें, ख्वाब तुम्हारे
सपना सच हो जायेगा
नए समाज की सादगी,
अठखेलियों में.
सपना , तुम्हारा  मुस्कुराएगा  !

10 comments:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत बढ़िया.. ज़रूर सच हों ऐसे सपने ........

सदा said...

कल 14/12/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्‍वागत है, मसीहा बनने का संस्‍कार लिए ....

Rajesh Kumari said...

bahut sundar khvaab sach ho jaayen to kya kahne bahut achche ehsaas.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सपने देखेंगे तो ही तो सच होने की ख्वाहिश करेंगे ..बहुत खूब

***Punam*** said...

कोई रोज़ आता है , सपनो में मेरे
चुपके से कानो में कह जाता है ,
ढेर सी बातें
बातें , जो बेमानी नहीं होतीं
बातें , जिनका सरोकार होता है ,
जीवन की तल्खियों से , खुशिओं से
रुसवाइयों से ,शहनाइयों से
बातें ,जो कह जातीं हैं,

अति सुन्दर ....!!

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत खूब!


सादर

Anju (Anu) Chaudhary said...

khubsurat abhivyakti

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
सादर...

Mamta Bajpai said...

सपना सच हो जायेगा
नए समाज की सादगी,
अठखेलियों में.
सपना , तुम्हारा मुस्कुराएगा !
बहुत सुन्दर बधाई

sangita said...

"कोई सपनों में आके मुझे जगा के बोले की में आ रहा हूँ, कोंन आये ये मैं कैसे जानूं " सार्थक पोस्ट जो सपने देखने के लिए मजबूर करती है |