कोई रोज़ आता है , सपनो में मेरे
चुपके से कानो में कह जाता है ,
ढेर सी बातें
बातें , जो बेमानी नहीं होतीं
बातें , जिनका सरोकार होता है ,
जीवन की तल्खियों से , खुशिओं से
रुसवाइयों से ,शहनाइयों से
बातें ,जो कह जातीं हैं,
चुपके से कानो में
कल आएगा , एक दिन ऐसा
पूरे होंगें, ख्वाब तुम्हारे
सपना सच हो जायेगा
नए समाज की सादगी,
अठखेलियों में.
सपना , तुम्हारा मुस्कुराएगा !
10 comments:
बहुत बढ़िया.. ज़रूर सच हों ऐसे सपने ........
कल 14/12/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, मसीहा बनने का संस्कार लिए ....
bahut sundar khvaab sach ho jaayen to kya kahne bahut achche ehsaas.
सपने देखेंगे तो ही तो सच होने की ख्वाहिश करेंगे ..बहुत खूब
कोई रोज़ आता है , सपनो में मेरे
चुपके से कानो में कह जाता है ,
ढेर सी बातें
बातें , जो बेमानी नहीं होतीं
बातें , जिनका सरोकार होता है ,
जीवन की तल्खियों से , खुशिओं से
रुसवाइयों से ,शहनाइयों से
बातें ,जो कह जातीं हैं,
अति सुन्दर ....!!
बहुत खूब!
सादर
khubsurat abhivyakti
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
सादर...
सपना सच हो जायेगा
नए समाज की सादगी,
अठखेलियों में.
सपना , तुम्हारा मुस्कुराएगा !
बहुत सुन्दर बधाई
"कोई सपनों में आके मुझे जगा के बोले की में आ रहा हूँ, कोंन आये ये मैं कैसे जानूं " सार्थक पोस्ट जो सपने देखने के लिए मजबूर करती है |
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