आया फागुन, आया फागुन
तन -मन को हर्षाया फागुन
मधुर-मधुर बरसे बयार
जीवन को सरसाया फागुन
तन -मन को हर्षाया फागुन
मधुर-मधुर बरसे बयार
जीवन को सरसाया फागुन
खिल उठी हैं कलियाँ प्यारी
चढ़ती जाती है बस खुमारी
मौसम का खुमार है तारी
चढ़ती जाती है बस खुमारी
मौसम का खुमार है तारी
हर -दिल को धडकाया फागुन
आया फागुन, आया फागुन.
बासंती बयार अति भाये
मधुर-मदिर सा सब पर छाये
उमंग-तरंग ,जन-जन मुस्काए
गुन-गुन-गुन गुंजाया फागुन
आया फागुन .........
बासंती बयार अति भाये
मधुर-मदिर सा सब पर छाये
उमंग-तरंग ,जन-जन मुस्काए
गुन-गुन-गुन गुंजाया फागुन
आया फागुन .........
2 comments:
सुन्दर फागुन गीत
फगुआ की बयार दिख रही है रूप जी! सराबोर हो गये हम भी!!
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