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Monday, March 7, 2011

आया फागुन, आया फागुन
तन -मन को हर्षाया फागुन
मधुर-मधुर  बरसे बयार
जीवन को सरसाया फागुन


खिल उठी हैं कलियाँ प्यारी
चढ़ती  जाती है बस खुमारी
मौसम का खुमार  है तारी
हर -दिल को धडकाया फागुन 

 आया फागुन, आया फागुन.


बासंती बयार अति भाये
मधुर-मदिर सा सब  पर छाये 
उमंग-तरंग ,जन-जन मुस्काए 
गुन-गुन-गुन गुंजाया  फागुन 


आया फागुन .........

2 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सुन्दर फागुन गीत

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

फगुआ की बयार दिख रही है रूप जी! सराबोर हो गये हम भी!!