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Wednesday, January 5, 2011

कविताओं का दौर तो चलता रहेगा और खबरें भी प्रचुर मात्रा मे उपलब्ध हैं, कुछ जानी , कुछ पहचानी ,कुछ अनजानी और कुछ बेगानी  भी ! पर एक खबर ,जिसने मुझे आज यह लिखने को प्रेरित किया वह है, अमृतसर के सोलह वर्षीय मिथुन की उत्कट अभिलाषा, समाज के प्रति उनका नजरिया और समस्त विश्व को देने के लिए एक सन्देश .   मिथुन एक ऐसे बिरले युवा हैं , जिनको मैं अपना नमन प्रस्तुत करता हूँ . पानी की एक-एक बूँद को बचाने के लिए मिथुन के प्रयास की जितनी प्रसंशा की जाय वह कम होगी,एक ऐसी उम्र जिसमे  नवयुवा बाइक्स ,मोबाइल और गर्लफ्रेंड के पीछे भागते हैं  (हुआ ना आश्चर्य!वैसे यही ट्रेंड है .), मिथुन शहर के रिसते नलकों को अपने संसाधनों से सुधारते हैं ताकि पानी की हरेक बूँद को नष्ट होने से बचाया जा सके . बड़े नेताओं के लिए संभवत: इस खबर मे कोई दिलचस्पी ना हो . लेकिन है यह अति महत्वपूर्ण और इसका मोल शायद वे समझ पाएंगे जिन्हें 'पानी की एक बूँद भी मयस्सर नहीं है, गमे -ज़िन्दगी निभाने को !'  मिथुन के लिए शायद यह एक साधारण सी बात हो , पर इन युवाओं को मेरा सलाम ! और उनको है यह सन्देश जो नहीं जानते पानी का महत्व -

बूँद - बूँद से भरता सागर
बूँद-बूँद से बुझती प्यास
बूँद-बूँद ही अमृत-धारा
बूँद-बूँद ही जग की आस !
                                                            (चित्र गूगल से साभार !)

1 comment:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

बूंद बूंद से घट भरता है, यह सब दोहराते हैं.. लेकिन बूंद बूंद सए घट ख़ाली हो जाता है इसकी किसी को परवाह नहीं होती!आवश्यकता है हर व्यक्ति के प्रयास का.. हर घर में मिथुन! इसजज़्बे को सलाम!!