Pages

Wednesday, November 10, 2010

एक शब्द/जो हमेशा ज़ेहन मे मेरे/उभरता रहता है,
लिए हुए एक गहरी ख़ामोशी/बेताब चीखने को.
शब्द /आवाज़ है/जो गले तक आकर बिंध जाता है /काँटों से .
कोशिश होती है/बाहर आने की,
पर.................
हर बार ही/बिंध कर/
लौट जाने के लिए ही शायद/
उभरकर आता है /
यह शब्द !
 

No comments: