निगल चुकी है ,बड़ी मछली- छोटी को,
कुलांचे मारती हुई, फुहारें छोडती हुई -
पानी के !
इतराती ,इठलाती ,पर हिलाती
निष्ठुर नियति-
उदर मे है-- बड़ी मछली के !
छोटी के रेशे -परत दर परत,
निचोड़े जा रहे हैं !-
पर,
साँस -नहीं थमती,
प्रयास नहीं रुकता ,
आशाएं मिटती नहीं !
बाकी हैं -उम्मीदें अभी भी.
शायद !
नियति ,मुस्कुराये-छोटी पर भी.
पर ,बड़ी-जो इठलाती है, __
नज़र जमाती है _
किसी "दूसरी छोटी " पर,
और हाँ ________
"नियति का खेल" अभी जारी है !
-- रूप
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