कल सपने में देखा था
एक हसीन भारत / एक खुशहाल भारत ,
हरी-भरी धरा से आवृत
लहलहाती फसलें, प्रसन्न किसान
खिलखिलाते बच्चे
आश्चर्य !
देखा था मैंने , देश के नेता
देखा था मैंने , देश के नेता
फूस की झोपड़ी
गोबर लिपे आंगन में
अपने अनुचरों के साथ
चर्चा में लीन हैं !
देखा मैंने , अद्भुत दृश्य !
माताएं अपने नौनिहालों के साथ,
अठखेलियाँ कर रहीं हैं
दूर कहीं हवा में विलीन
रामचरित मानस के दोहे ,
अजान की आयतें
चर्च की घंटियाँ
सुमधुर संगीत से आबद्ध !
पाठशालाओं में
बच्चे समवेत स्वरों में
आह्वान करते हैं !
करते हैं माँ सरस्वती की वन्दना
गुरूजी के चेहरे पर दिव्य तेज़ है !
सड़कों पर /गाँव के बैलों की घंटियाँ
लय-ताल युक्त गीत
और, हाट में गाँव के / कोई मोल-भाव नही !
चहुँ और शांति व्याप्त है
शांति, जो सुखकर है
समृद्ध है
वंदनीय है !
बगिया में,कोयल का सुमधुर राग
पुरवैयों से झूलतीं डालियों का फाग
तलैया में श्वेताम्बरों की जाग
देखा था मैंने, कल सपने में !
टूट गया ! /शोर इतना था बाहर/आंख खुली
तो देखा / पानी की कतार में/ बर्तन लड़ने लगे थे !