कोई रोज़ आता है , सपनो में मेरे
चुपके से कानो में कह जाता है ,
ढेर सी बातें
बातें , जो बेमानी नहीं होतीं
बातें , जिनका सरोकार होता है ,
जीवन की तल्खियों से , खुशिओं से
रुसवाइयों से ,शहनाइयों से
बातें ,जो कह जातीं हैं,
चुपके से कानो में
कल आएगा , एक दिन ऐसा
पूरे होंगें, ख्वाब तुम्हारे
सपना सच हो जायेगा
नए समाज की सादगी,
अठखेलियों में.
सपना , तुम्हारा मुस्कुराएगा !