कुछ इल्म हुआ यूँ मुहब्बत के बाद, दामन मे दिल के, एक गाँठ लगी!
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Tuesday, August 25, 2009
काफी दिनों के बाद
कई दिनों से कुच्छ लिखा नही , सोचता ही रह गया ब्लॉगर पर जाऊँ या नहीं ! दरअसल मुश्किल तो यह है की लोगों के पास मेरी इन भावनावों का कोई महत्व भी है क्या ? सच्चाईतो यह है की ब्लॉगर कोई पढ़ता ही नही.......
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