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Friday, November 5, 2010

दीप जलाओ, प्यार के !
जगमग हो संसार तुम्हारा,
घर-आंगन मे हो उजियारा,
खुशियों  का परचम लहराए 
गाओ गीत बहार के !
निर्धनता का अंधकार मिट जाये,
हर इंसां ,बस झूमे -गाये
दिग-दिगंत मे यश फैलाये
भारत मे हम जश्न मनाएं,
लोगों के अधिकार के !
सोने की चिड़िया कहलाये
खोये दिन हम वापस लायें.
श्रम के आज कसम हम खाएं.
जोत जगाएं संसार के !


दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं सहित.................


 

2 comments:

राजकुमार ग्वालानी said...

हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई
जब सब हैं हम भाई-भाई
तो फिर काहे करते हैं लड़ाई
दीवाली है सबके लिए खुशिया लाई
आओ सब मिलकर खाए मिठाई
और भेद-भाव की मिटाए खाई

Randhir Singh Suman said...

ज्योति पर्व के अवसर पर आप सभी को लोकसंघर्ष परिवार की तरफ हार्दिक शुभकामनाएं।